भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित वाराणसी अर्थात् बनारस या काशी एक जीवंत संग्रहालय है। आध्यात्मिकता और इतिहास के एक ख़ूबसूरत संगम के साथ, वाराणसी दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है। इसे भारत की समृद्ध संस्कृति का एक आइना भी कहा जाता है। साल भर देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक वाराणसी आते हैं, कुछ यहाँ मौजूद प्राचीन मंदिरों के दर्शन करने और कुछ यहाँ की संस्कृति का आनंद लेने। आज इस ब्लॉग में हम बात करेंगे कुछ ऐसी ही चीज़ों के बारें जिन्हें जब भी आप वाराणसी जाएँ तब बिलकुल भी मिस न करें।
वाराणसी में घूमने की जगहें
वाराणसी शहर पवित्र स्थलों और प्राचीन अजूबों से भरा हुआ है और उन्हीं में से कुछ उल्लेखनीय स्थल आपको हम नीचे बताने जा रहे हैं:
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर: वाराणसी की पतली गलियों के बीच में स्थित, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव का धाम है जो कि भगवान शिव के मौजूद बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सोने के शिखर वाला यह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर साल भर ही भक्ति की ऊर्जा से भरा हुआ रहता है और दुनिया भर से श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है।
अस्सी घाट: वाराणसी में मौजूद कई घाटों में से एक है अस्सी घाट जो की प्रसिद्ध है अपनी सुबह की गंगा आरती के लिए। यहाँ पर होने वाली गंगा आरती सच में किसी समारोह से कम नहीं। इसका मनोरम दृश्य मन को अत्यंत सुकून एवं शान्ति प्रदान करता है।
मणिकर्णिका घाट: दूसरे घाट की बात करें तो आपने मणिकर्णिका घाट के बारे में निश्चित ही सुना होगा। इस घाट पर होने वाली अंतिम क्रियाएँ आगंतुकों को मनन-चिंतन करने का मौका प्रदान करती हैं।
दशाश्वमेध घाट: अब बात करें तीसरे प्रमुख घाट की तो दशाश्वमेध घाट शाम को होने वाली दिव्य गंगा आरती का मंच है। ऐसा माना जाता है की ब्रह्मा जी ने यहाँ लगातार दस बार अश्वमेध यज्ञ किया था और इसी के चलते इसका नाम दशाश्वमेध पड़ा। यह घाट शाम के दौरान दीपों की चमक, मंत्रों, और भक्ति से वातावरण को बहुत ही ख़ूबसूरत कर देता है, आपको लगेगा जैसे की आप माँ गंगा के बिलकुल समीप ही हैं।
गंगा नदी: वाराणसी के संपूर्ण सार को स्वयं में समेटे हुए है यहाँ मौज़ूद गंगा नदी। ऐसा माना जाता है की गंगा का जल अत्यंत पवित्र और मोक्ष प्रदान करने वाला होता है। इसीलिए साल भर लाखों लोग यहाँ वाराणसी में गंगा तट पर स्नान करने और डुबकी लगाने के लिए आते हैं।
धमेक स्तूप: वाराणसी के निकट ही मौजूद सारनाथ में एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल है, जहाँ भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को प्रथम शिक्षा दी थी।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी: विश्व एवं एशिया के सबसे बड़ी यूनिवर्सिटियों में से एक, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी का परिसर सांस्कृतिक और शैक्षिक धरोहर का मिश्रण है। इसकी स्थापना नेता पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1916 में डॉ. एनी बेसेंट जैसी महान हस्तियों के घनिष्ठ सहयोग से की थी।
रामनगर फोर्ट: यह 18वीं शताब्दी का किला वाराणसी के राजसी अतीत की एक झलक प्रदान करता है, जिसके संग्रहालय में राजसी वस्तुओं का एक विविध संग्रह है।
वाराणसी में मौजूद कुछ अन्य आकर्षण
वाराणसी का सार सिर्फ इसके दर्शनीय स्थलों में ही नहीं बल्कि यहाँ मिलने वाली कई आम चीजों में भी कैद है:
स्ट्रीट फूड: टमाटर चाट और कचौड़ी सब्ज़ी जैसे नमकीन स्नैक्स से लेकर लस्सी जैसी चीजों तक, वाराणसी के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद जीवन में एक बार लेने जैसा है। अगर आप यहाँ आएं तो यहाँ का स्ट्रीट फ़ूड ट्राय करना बिलकुल मत भूलियेगा।
बनारसी सिल्क साड़ियाँ: सभी महिलाओं की ख़्वाहिश होती है की वो एक बार तो अपने जीवन में बनारसी साड़ी जरूर पहनें। तो आपको बता दें वही सुंदर, राजसी बनारसी साड़ियाँ यहीं बनारस में ही बनती हैं। आप लोकल बाज़ारों में जाकर बनारसी साड़ियाँ खरीद भी सकते हैं।
वाराणसी में घाट के पास ठहरने के लिए सबसे अच्छा स्थान
हालाँकि वाराणसी में रहने के लिए काफ़ी सारी अच्छी जगहें हैं पर हाल ही में निरान – द टेंट सिटी, वाराणसी, सबसे अच्छे विकल्प के रूप में उभरा है। गंगा घाट किनारे स्थित निरान एक लक्ज़री अनुभव प्रदान करता है। निरान में टेंट्स की कई श्रेणियाँ मौजूद हैं जो की हर तरीके के सुख-सुविधाओं से भरपूर हैं। इसके अलावा, निरान के हर टेंट से घाट का सुंदर दृश्य भी देखने के लिए मिलता है।
रात में डिनर के दौरान डाइनिंग एरिया में लाइव संगीत का आयोजन भी किया जाता है जो की आपकी शामों को और भी सुन्दर बनाता है।
आपके ट्रिप को और यादगार बनाने के लिए निरान – द टेंट सिटी, वाराणसी, में आपको गाइडेड टूर्स भी ऑफर किये जाते हैं ताकि आप पूरे वाराणसी को अच्छी तरह से एक्सपीरियंस कर पाएं।
वाराणसी एक ऐसा शहर है जो आँखों से देखने के साथ साथ दिल से महसूस किया जाना चाहिए। तो बताइये आप कब आ रहें हैं निरान – द टेंट सिटी के साथ वाराणसी का एक ख़ूबसूरत सफर करने?